मुलेठी सबसे आसानी से मिलने वाली आयुर्वेदिक औषधि है। मुलेठी का औषधि के रूप में प्रयोग बहुत पहले से होता आया है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल श्वसन और पाचन रोग की दवाओं में सबसे ज्यादा किया जाता है। यह पेट के रोग, सांस संबंधी रोग, स्तन रोग को दूर करने में मदद करती है। आइए आपको इसके गुणों के बारे में बताते है।

  • मुलेठी पीलिया, हेपेटाइटिस और फैटी लिवर जैसे लिवर रोगों के इलाज में मदद करती है। इसके अलावा, मुलेठी हेपेटाइटिस के कारण जिगर की सूजन को शांत करने में मदद करती है।
  • मुलेठी गले में खराश, सर्दी, खांसी और दमा के रूप में सांस रोगों के संक्रमण का इलाज करती है। एंटीऑक्सिडेंट गुण के कारण ब्रोन्कियल नलियों की सूजन को कम करने और वायुमार्ग को शांत करने में मदद करती हैं। यह बलगम को निकालती है, जिससे खांसी में आराम मिलता है।
  • मुलेठी जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण के कारण कैविटी वाले बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकती है, प्लाग को कम करती है। दांतों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुलेठी जड़ के पाउडर का प्रयोग करना चाहिए।
  • मुलेठी अवसाद के इलाज में मदद करती है। मुलेठी अधिवृक्क ग्रंथि को सुधारती है, जो घबराहट और अवसाद से लड़ने में मदद करती है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम, कैल्शियम और बीटा कैरोटीन जैसे खनिज और फ्लेवोनॉइड्स अवसाद को दूर करने में मदद करते हैं।
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