इंसानियत और प्यार दो ऐसी चीज़ हैं दुनिया में जिनके बल पर कुछ भी खरीदा जा सकता है। इस बात का अंदाज़ा आप इस बात से ही लगा लीजिये कि जिस ड्राइवर ने 33 सालों तक अपने मालिक की सेवा की। पूरी उम्र एक ड्राइवर ने पूरे सम्मान के साथ अपने अफसर मालिकों को उनके दफ्तर पहुंचाया, इसके एवज़ में जब ड्राइवर का अपनी ड्यूटी से अलविदा कहने का समय आया तो उसके मालिकों ने भी उसके इस दिन को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
दरअसल महाराष्ट्र के अकोला के रेवेन्यू डिपार्टमेंट में ड्राइवर की नौकरी से रिटायर हो रहे दिगंबर थाक को उनके अफसरों ने ऐसा फेयरवेल दिया कि जिसे भी पता चला वह वाह-वाह कर उठा। जब दिगंबर आखिरी दिन अपनी ड्यूटी पर आया तो सभी अधिकारियों ने ‘वीवीआईपी’ ट्रीटमेंट दिया। सभी ने दिगंबर को वही इज्जत बख्शी जो वह खुद अधिकारियों को इतने सालों से देते आए थे। फूलों से सजी हुई एक कार में दिगंबर को पीछे वाली सीट पर बिठाकर, जिले के कलेक्टर जी. श्रीकांत खुद ड्राइव करके उन्हें घर से ऑफिस तक ले गए। दफ्तर में दिबंगर के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया था।