चीन के सामान के बहिष्कार मामले पर चीन की धौंस! देशभर के लोगों ने जहां चाईना के सामान के इस्तेमाल से तौबा कर ली है वही चीन इस बात से नाराज हो गया है। चीन ने इस तरह उसके सामान के उपयोग ना करने पर कहा कि ऐसा कोई भी प्रयास भारत में निवेश और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। चीन के मुताबिक, ‘ऐसे किसी बहिष्कार का चीन के निर्यात पर ज्यादा असर नहीं होगा, लेकिन विकल्पहीनता की वजह से भारतीय व्यापारियों और उपभोक्ताओं को ही अधिक नुकसान होगा।’
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा तो चीन पाकिस्तान का बचाव करता दिखा। वह आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के लिए भी ढाल बन रहा है। इसको देखते हुए देश में चीन के खिलाफ भी माहौल बना। सोशल मीडिया के अलावा कई राजनीतिक दलों ने चीनी सामानों के बहिष्कार की अपील की है।
वही इस बारे में चीनी दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। भारत में कुल निर्यात का महज 2 फीसदी हिस्सा ही जाता है। इसलिए भारतीय बहिष्कार का अधिक असर नहीं होगा। चीन केवल इस बात को लेकर चिंतित है कि इससे चीनी इकाइयों की ओर से भारत में होने वाले निवेश पर बुरा असर होगा। साथ ही द्विपक्षीय सहयोग भी प्रभावित होगा। चीन और भारत के लोग ऐसा नहीं चाहेंगे।