एक छोटी सी फुंसी से इस लड़के की आंख निकल आई बाहर। आमतौर पर फोड़े-फुंसियां होने पर को डॉक्टर से छोटा-मोटा चीरा लगवाकर लोगों को आराम मिल जाता है। लेकिन तेंदूखेड़ा के बहेरिया गांव निवासी एक पांच वर्षीय बच्चे के परिजनों को उसके चेहरे पर निकली फुंसी पर ध्यान नहीं देना इतना भारी पड़ा की बुधवार को उसकी एक आंख की बाहर निकल आई है। आलम यह है कि बच्चा दिन-रात दर्द से तड़प रहा है, लेकिन मजदूरी करने वाले उसके माता-पिता के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह उसका अच्छे अस्पताल में इलाज करा सकें। बेबस परिजन अब लाचार आंखों से अपने लाड़ले को आंखें खोते हुए देखने को विवश हैं।
बुधवार को बस स्टैंड पर बैठी महिला संध्या पति साहब सिंह आदिवासी ने बताया कि वह बहेरिया गांव की निवासी है। उसके 5 वर्षीय बेटे दुर्गेश को करीब 4 महीने पहले एक फुंसी हुई थी, जो धीरे-धीरे इतनी बड़ी हो गई कि आज उनके बेटे की आंख ही बाहर आ गई है। जिसका इलाज कराने के लिए वे चित्रकूट, नागपुर सहित अनेक स्थानों पर गए, लेकिन बच्चे का इलाज नहीं हो सका। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वे अपने बेटे का इलाज नहीं करा पाए। डॉक्टरों का कहना है कि अभी बच्चे की उम्र कम है, इसलिए इलाज या ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है।
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