10 लाख रुपये रोज कमाती है यह लड़की। जी हां आपने सही सुना है, अगर हम आपसे कहे कि जिस्मफरोशी करके कोई रोज 10 लाख रुपये कमा सकता है तो शायद आपको यकीन नहीं होगा। लेकिन ये सच है जीबी रोड पर जिस्मफरोशी के मामले में दिल्ली में पहला मकोका केस दर्ज किया गया है। पति-पत्नी समेत आठ मुलजिम गिरफ्तार किए गए हैं। इनकी हर दिन की कमाई की डायरी में एंट्री 10 लाख रुपये मिली है। इनके फार्महाउसों, महंगी गाड़ियों और प्रॉपर्टी की जानकारी तहकीकात में पुलिस को मिली है।
इसे भी पढ़िए- जानिए वेश्यावृति वाले इस गांव की पहली लव स्टोरी के बारे में!
जीबी रोड पर छह कोठों के मालिक आफाक हुसैन और उसकी पत्नी सायरा बानो के जिस्मफरोशी के संगठित सिंडिकेट की मोटी कमाई और दूसरे राज्यों से लड़कियों की मानव तस्करी के बारे में क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर रवींद्र सिंह यादव को खबर मिली थी। उन्होंने डीसीपी क्राइम ब्रांच भीष्म सिंह को इस बारे में तहकीकात के लिए कहा। जांच में इस सिंडिकेट की मोटी कमाई के सबूत मिलने पर क्राइम ब्रांच ने मकोका केस दर्ज कर लिया। जीबी रोड पर जारी इस धंधे में यह पहला मकोका केस दर्ज हुआ है। जीबी रोड पर आफाक हुसैन (45) और उसकी पत्नी सायरा बानो के छह कोठे हैं। हर कोठे में 40 कमरे हैं। इनमें करीब 250 लड़कियां हैं। सभी जिस्मफरोशी में लिप्त हैं। इन लड़कियों की देखभाल और इन पर कंट्रोल करने के लिए सीनियर महिलाएं तैनात हैं, जिन्हें ‘नायिकाएं’ कहा जाता है। आफाक और सायरा के अलावा चार नायिकाएं भी गिरफ्तार की गई हैं। आफाक और सायरा का ड्राइवर रमेश पंडित निवासी नेपाल कोठों की कमाई का हिसाब-किताब हर दिन डायरी में दर्ज करता था। उसके कब्जे से डायरियां जब्त की गई हैं। हर डायरी में हर दिन का हिसाब-किताब लाखों रुपयों में है। डायरियों से पता चला है कि आफाक और सायरा की हर दिन की कमाई करीब 10 लाख रुपये हो रही थी।
कोठों पर ‘नायिकाएं’ हर दिन कलेक्शन जमा कर आफाक के मैनेजर वासु नेपाली को देती थीं। वासु को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इस सिंडिकेट का चीफ मैनेजर दरियागंज में रहने वाला सरफराज है। पुलिस ने उसकी तलाश में रेड डाली, लेकिन वह फरार हो गया है। उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि इस रैकेट में शामिल तीन-चार और लोगों की भी तलाश हो रही है, लेकिन वे फरार हो चुके हैं। क्राइम ब्रांच ने बताया कि इस रैकेट के लोग लड़कियों की स्मगलिंग भी कर रहे थे। ये लोग नेपाल, झारखंड, बिहार और वेस्ट बंगाल से गरीब घरों की लड़कियां अपने एजेंटों के माध्यम से दिल्ली मंगाया करते थे। इनके एजेंट गरीब घरों की लड़कियों को दिल्ली में नौकरी लगवाने का झांसा देकर या उनसे प्रेम का नाटक कर शादी का वादा कर दिल्ली ले आते थे और इस रैकेट को बेच देते थे। क्राइम ब्रांच मानव तस्करी के इस एंगल को अपनी जांच में शामिल कर रही है।
आफाक हुसैन और सायरा बानो का साउथ दिल्ली के शाहीन बाग में घर है और जैतपुर में फार्महाउस है। बेंगलुरु में भी उनका फार्महाउस है। पुलिस ने बताया कि इनके बैंक खातों में करोड़ों रुपये जमा हैं। टोयोटा फॉर्चुनर और होंडा सिटी कारें दिल्ली में हैं। बेंगलुरु में भी इनकी दो फॉर्चुनर गाड़ियों की जानकारी मिली है।