दौलत और हवस के नशे में इंसान इस कदर अंधा हो चुका है कि वो बड़े से बड़ा गुनाह करने से भी नहीं हिचकता। समाज में मौजूद इस प्रवृति के लोग अपराध की परिभाषा बदल दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सामने आया है। जहां की पुलिस ने एक ऐसा केस सुलझाया है जिसे सुनकर सबके होश उड़ गए हैं तो वहीं पुलिस के पास इससे जुड़े कई सवालों का कोई जवाब नहीं है। करीब दो महीने पहले पुलिस ने गोरखपुर में हुए हवलदार के परिवार के चार सद्स्यों की मौत की गुत्थी को सुलझाने का दावा किया, लेकिन इससे जुड़े कई सवालों से पुलिस अभी भी बचना चाह रही है।
क्या था मामला?
पिछले साल जुलाई में जवाहर कनौजिया की पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे की हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक कनौजिया की बड़ी बेटी के साथ आरोपी ने मर्डर से पहले रेप किया था। मामले के खुलासे के वक्त एसएसपी अनंत देव ने बताया था कि वारदात 29/30 जुलाई 2015 की है। शाहपुर इलाके के झरना टोला में छत्तीसगढ़ सीआरपीएफ के हवलदार जवाहर कनौजिया की पत्नी राजी (35), बड़ी बेटी पूनम (16), रूबी (12) और बेटे अनूप (10) के सिर पर प्रहार कर घर में ही हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से पुलिस कुशीनगर के रहने वाले ऑटो ड्राइवर अरुण कुमार दीक्षित की लगातार तलाश कर रही थी। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उसे गोरखपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। इसके बाद उसने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए वारदात की पूरी कहानी बताई।
अपने इकबाल-ए-जुर्म में अरुण ने पुलिस को बताया कि वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ शाहपुर इलाके में किराए पर कमरा लेकर रहता था। साल 2011 में इसी मकान में हवलदार जवाहर कनोजिया की पत्नी राजी भी अपने तीन बच्चों के साथ रहती थी। इसी दौरान राजी से उसकी करीबी बढ़ी। साल 2013 में एक यात्रा के दौरान सड़क के किनारे दोनों के बीच पहली बार अनैतिक संबंध बना था। इसके बाद से दोनों में रिश्ता और बढ़ गया। दो साल पहले हवलदार ने खुद अपना घर बनवा लिया, जहां उसकी पत्नी और बच्चे रहने लगे। अरुण का इस मकान पर भी आना-जाना जारी रहा। घटना की रात 9.30 बजे वह राजी के घर पहुंचा। बच्चे सभी जग रहे थे। राजी ने बच्चों से कहा कि अंकल के घर की चाभी उनके गांव पर छूट गई है, वह यहीं सोएंगे।
रात में तीन बजे के आसपास राजी और अरुण में पैसे को लेकर कहासुनी और मारपीट हुई। इसके बाद राजी ने उसे रेप के केस में जेल भेजने की धमकी दी। इससे गुस्साए अरुण ने घर में रखी हथौड़ी से उसके सिर पर प्रहार कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस बीच आवाज से बगल के कमरे में सो रहे अनूप और रूबी भी जग गए। उन्हें देखते ही अरुण ने हथौड़ी से मारकर उनकी भी हत्या कर दी। आवाज सुनकर छत पर सो रही पूनम भी नीचे आ गई। अरुण ने उसके सिर पर भी प्रहार कर दिया, जिससे वह गिरकर तड़पने लगी। उसने घायल पूनम के साथ रेप किया। इस बीच में ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद खुद को साफ करके और राजी के शरीर का गहना उतारकर वह फरार हो गया। दो महीने की जांच के बाद पुलिस को अरुण पर शक हो गया था। जांच में पता चला कि उसने अपने दो साथियों की मदद से राजी के एटीएम कार्ड का तीन बार यूज करके 45 हजार रुपए निकाल चुका है। इसके बाद वह अयोध्या चला गया और जानकी दास मठ में रहने लगा। 10 महीने बाद वह सोमवार को गोरखपुर लौटा, लेकिन स्टेशन पर ही पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया।
वो सवाल जिनका उत्तर नहीं दे सकी पुलिस
1- अकेले एक व्यक्ति चार लोगों की हत्या कर देता है और कोई विरोध तक नहीं होता?
2- रजिया जब बात करने के लिए छत से नीचे आई थी तो उसकी लाश बिस्तर पर कैसे मिली?
3- बेटे को दौड़ाकर मारा तो फिर उसकी लाश बिस्तर पर कैसे मिली?
4- बेटी जगी नहीं और विरोध भी नहीं किया यह कैसे संभव है?
5- पत्नी और उसके दो बच्चों की हत्या करने के बाद वह तीन घंटे तक बड़ी बेटी के छत से नीचे आने का इंतजार क्यों करता रहा?
6- खिड़की, सीढ़ी के रोशनदान पर पर्दे किसने लगाए? जबकि अरुण खुद कह रहा है कि पर्दे उसने नहीं लगाए।
7- अरुण का कहना है कि उसने दोनों तरफ ताला लगाया था जबकि एक ताला तो खुला था।
8- एटीएम से पैसे निकालने के लिए तीन लोगों को क्यों शामिल किया?
इस मामले से जुड़े ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो अदालत में पुलिस की थ्योरी को कमजोर साबित कर सकते हैं।हांलांकि पुलिस का दावा है कि इन सभी सवालों के जवाब की तलाश हो रही है, और यहीं वजह है कि पुलिस ने अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की है। उधर जवाहर कनौजिया का आरोप है कि इस पूरे मामले में एक वर्दीधारी शामिल भी है, लेकिन मंत्री का परिचित होने के चलते पुलिस उसे बचाने में लगी है।