जेहरा को अपनी जान का खतरा लगा और मौका पाते ही वो अस्पताल से भाग गई। पेट में हो रहे दर्द को इस महिला ने लगातार सहा और आखिरकार जेहरा का बच्चा उसके गर्भ में ही मर गया। इतना ही नहीं बच्चे को बाहर भी नहीं आने दिया। उसके बाद सब कुछ नॉर्मल चलता रहा और दिन गुजरते गए, लेकिन जब वो 75 साल की हुई तो उनके पेट में एक बार फिर दर्द हुआ तो उन्होंने डॉक्टर से सलाह ली और चेकअप कराए।
आपको बता दें कि 46 साल बाद अब वो बच्चा पत्थर का बन चुका था। ऑपरेशन के बाद जब गर्भ को बाहर निकाला गया तो वो बच्चा पत्थर का बन चुका था, साथ ही साथ सड़ भी चुका था। जिस ऑपरेशन से डरकर वो अस्पताल से 46 साल पहले भाग गई थी उसे वही ऑपरेशन दोबारा कराना पड़ा।
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