एरिल ने लिखा कि ये उनके साथ पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले दो बच्‍चों के जन्‍नत में जाने के बाद वह अब तक 2810 औंस मिल्‍क डोनेट कर चुकी हैं। उन्‍होंने माना कि जब उनका बच्‍चा एनआईसीयू में था, तो वह उसको जिंदा रखना चाहती थीं। इसके बावजूद ऐसा हो नहीं सका। अपने बच्‍चे के लिए वो लिखती हैं कि तुम्‍हारी जिंदगी के वो 11 दिन मेरी पूरी जिंदगी की याद बनकर रहेंगे। इसके आगे वो ईश्‍वर से प्रार्थना करती हैं कि वो अपने बच्‍चे का चेहरा एक बार फिर से देख सकें।

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