रिनाल्डो विल्ली ने अपने इसी आइडिया पर काम किया और मृत लोगों की राख से सिंथेटिक हीरे को बनाते हुए अपनी कंपनी बना ली। ये कंपनी एक साल में करीब 850 मृत लोगों की राख को हीरे में तब्दील कर रही है।
सिंथेटिक और असली हीरे में बहुत ही कम अंतर पाया जाता है, जिसको मोटे तौर पर कोई नहीं पहचान सकता है। रिनाल्डो विल्ली के जरिए विकसित की गई तकनीक के ज़रिए अब बहुत से लोग अपने मृत परिजन की राख को एक हीरे के रूप में रखने के इच्छुक हैं।
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