ऐसे हालातों में 19 साल की इस छात्रा को बहुत ही शर्मिंदगी महसूस हुई और उसे आत्महत्या करने के ख्याल आ रहे थे। स्कूल छोड़ चुकी इस छात्रा ने निचली अदालत में 25 हज़ार डॉलर का मुक़दमा ठोका था, लेकिन अदालत ने इसे ख़ारिज कर दिया। स्कूल के अनुसार, टीचर का इरादा छात्रा को बेईज्ज़त करने का नहीं था। साथ ही स्कूल प्रशासन ने छात्रा और उसकी मां से इस घटना के माफ़ी मांगी थी और अपने टीचर्स को बाथरूम जाने की परमिशन देने की सख्त़ हिदायत भी दी थी।

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