शक्रिया अदा करने के लिये वो उन्हीं गलियों में पहुँची जहाँ उसकी शुरुआती ज़िंदगी की बहुत सारी यादें थी। गंदगी पसरी उस गली में वापस जाना उसकी विवशता नहीं थी। उसे तो आभार की अभिव्यक्ति करनी था। उस गली में उसकी मां रहती थी। पासायेंग अपनी मां से मिलने उस गली में पहुँच गई। गंदगी भरे कूड़ेदानों के सामने उसकी मां थी।