ई-करेंसी यानी डिजिटल करेंसी एक आम डेबिट या क्रेडिट कार्ड की तरह ही होती है जिसका इंटरनेट के माध्यम से ट्रांजेक्शन होता है। अगर रिक्सबैंक इस विचार पर अमल करता है तो यह दुनिया का पहला ई-करेंसी जारी करने वाला देश होगा।
सीसिलिया ने मीडिया को बताया ‘ ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो कई कारणों से परंपरागत बैंकों तक नहीं पहुंच पाते या उनकी उन बैंकों तक पहुंच संभव नहीं हैं।’ लेकिन विशेषज्ञों की माने तो ई-करेंसी के मामले में कालेधन की संभावना ज्यादा होगी। यानी ई-करेंसी कागजी नोटों से ज्यादा असुरक्षित हो सकती है।
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