पिछले दिनों खबर आयी थी कि ऑस्ट्रेलिया में यूबीएस बैंक ने वहां सौ डॉलर के नोट को बैन करने की मांग की है। बैंक का सुझाव थ कि अगर सरकार 100 डॉलर के नोट बंद कर दे तो ये देश की इकॉनमी को सुधारने की दिशा में एक पॉजिटिव पहल होगी। बैंक का ये भी कहना था कि बैंकों में रकम जमा करने के काम में तेजी आ रही है, जिसके चलते काम का दबाव बिना वजह के बढ़ रहा है। अच्छा होगा कि डिजिटल और कैशलैस पेमेंट को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए भी बड़े नोटों को बंद करना आवश्यक है।
बैंकों ने आंकड़े सामने रखते हुए बताया था कि ऑस्ट्रेलिया में इस समय 100 डॉलर के 300 मिलियन नोट ही चलन में हैं और उनमें से भी ज्यादा को लोगों ने ब्लॉक करके रखा हुआ है। कुछ ही नोट कभी-कभी बाहर आ पाते हैं। आंकड़ों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में 92 प्रतिशत की करेंसी ऐसी है जो 100 और 50 डॉलर के नोटों में मौजूद है। इस वजह से पांच डॉलर के नोट की अपेक्षा 100 डॉलर के नोटों की संख्या तिगुना चलन में हैं। इसलिए देश में ब्लैक मनी का बोलबाला है। इस बारे में बात करते हुए ऑस्ट्रेलिया के राजस्व और वित्तीय सेवा मंत्री केली ओ डॉयनर ने एक रेडियो कार्यक्रम में स्वीकार किया था कि नोटबंदी से छिपे हुए काले धन का बाहर लाने में मदद मिलेगी।