पाकिस्तान की 50 फीसदी टीनएजर लड़कियां मानती हैं कि सेक्स के लिए ना कहने पर अगर हसबैंड मारता है तो ठीक करता है। जबकि, साउथ एशिया के छोटे देशों की 70 फीसदी लड़कियां इसे वाजिब मानती हैं।रिपोर्ट के मुताबिक एशिया-पेसिफिक की हर सात में से एक लड़की 18 साल तक मां बन जाती है। इनमें से 63 फीसदी से ज्यादा प्रेग्नेंसी के पीछे कोई प्लानिंग नहीं होती। इसकी वजह से कई बार लड़कियों को असुरक्षित अबॉर्शन भी कराने पड़ते हैं।
यूएन ने रिपोर्ट में कहा कि युवाओं की इस मानसिकता के पीछे एजुकेशन की कमी और बेरोजगारी कारण हैं। इस मानसिकता के पीछे वो सोर्स भी बड़ा कारण है, जिसके चलते युवा ऐसा सोचते हैं। इस वजह से युवा रिलेशनशिप से होने वाली बीमारियों और एचआईवी के शिकार हो जाते हैं।
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