ग्रॉगार्ड ने सुझाव देते हुए कहा कि अच्छी तरह प्रशिक्षित शिक्षकों की मदद से आठवीं और नौवीं कक्षा के बच्चों के साथ संवेदनात्मक शिक्षाप्रद तरीके से पॉर्न पर गंभीर बहस की जानी चाहिए।
यह बात समाचार पत्र ‘द गार्डियन’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कही गई।
गौरहो कि डेनमार्क में 1970 से ही यौन शिक्षा स्कूली पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा है और कई स्कूलों के पाठ्यक्रमों में तो पॉर्न को भी शामिल कर लिया गया है। हालांकि डेनमार्क के सभी स्कूलों में अभी इसे शुरू नहीं किया गया है।
1 2