वहां लोगों के लिए खुद का घर खरीद पाना तो किसी सपने से कम नहीं हैं। हालात यह हैं कि लोग किराया भी नहीं दे सकते। इसलिए वो एक पिंजरे में रहते थे और उसी में खाते-सोते थे।
पिंजरे वाले घर के बाद अब लोग एक कॉफिन में रहने को मजबूर हैं। वहां इन्हें कॉफिन होम्स कहा जाता है। 1.9 मीटर के ये ताबूत इतने छोटे हैं कि एक इंसान से ज्यादा इसमें कोई नहीं रह सकता। इन घरों में सही तरीके से लेटने की भी जगह नहीं होती।
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