जापान के ओसाका स्थित “इकुमैन यूनिवर्सिटी” नाम की कंपनी ने इसकी शुरुआत की है। कोर्स करने वाले पुरुषों को शरीर पर करीब सात किलो भारी प्रेग्नेंसी जैकेट बांध कर अभ्यास कराया गया जिससे उन्हें उस बोझ का अंदाजा लगे, जो गर्भवती महिलाएं ढोती हैं।
शारीरिक बोझ के अलावा होने वाली मानसिक परेशानियों से जूझने के गुर भी सिखाए जाते हैं. जैसे कि संभावित पार्टनर से अच्छा संवाद स्थापित करना और उनकी पसंद नापसंद को समझने का तरीका इत्यादि। पुरुषों से उन गुणों की एक लंबी सूची भरवाई जाती है जिन्हें आम तौर पर महिलाएं नापसंद करती हैं और उन्हें दूर कर पुरुषों को एक तरह का सर्टिफिकेट मिल जाता है कि वे शादी के लिए एक सुयोग्य उम्मीदवार हैं।
शादी के विज्ञापन देने वाले अखबार, पत्रिकाओं या वेबसाइटों पर लड़कों के परिचय में इस सर्टिफिकेशन का जिक्र करने से उन्हें बाकियों के मुकाबले ज्यादा अहमियत मिलती है। यह दिखाता है कि ना केवल वे शादी और परिवार को संभालने के लायक हैं बल्कि बच्चे संभालने में भी चैंपियन हैं हाल में आया एक सर्वेक्षण दिखाता है कि जापान में विवाह योग्य आयु वाले यानी 18 से 34 की उम्र के करीब 70 फीसदी पुरुष और 60 फीसदी महिलाएं अविवाहित हैं। जापान में बुजुर्ग लोगों की तादाद युवाओं और बच्चों के मुकाबले बहुत अधिक है. देश को अगली पीढ़ी की सख्त जरूरत है.