राष्ट्रपति जोको विडोडो ने नए कानून को जारी करने के बाद बुधवार को कहा, “जैसा कि हमने पहले कहा कि बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा एक असाधारण अपराध है। ऐसे में हम ये उम्मीद करते हैं कि ये कड़ा कानून ऐसे दरिंदों से सख्ती से निपटने में मदद करेगा और ऐसे अपराधियों के मन में खौफ पैदा होगा। ऐसे कृत्य से दरिंदे बच्चों के जीवन और उसके भविष्य को बर्बाद करते हैं।”
हांलाकि नपुंसक बनाने की सज़ा का प्रावधान साउथ कोरिया, पोलैंड, चेक गणराज्य और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया के कई राज्यों में पहले से ही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये कानून तत्काल प्रभाव में लागू हो गया है। हालांकि, इंडोनेशिया के संसद को ये अधिकार है कि वो राष्ट्रपति के इस फैसले को पलट दे या फिर इसमें सुधार की मांग करे।
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