घर न होने के कारण मजबूरी में पिंजरों के अंदर एक-एक अपार्टमेंट में 100-100 लोग रहते हैं। इनमें से कोई पिंजरा छोटे केबिन के बराबर होता है, तो कोई पिंजरा ताबूत के आकार का होता है। एक अपार्टमेंट में महज दो ही टॉयलेट होते हैं, जिससे इनकी परेशानी और बढ़ जाती है। सोसाइटी फॉर कम्युनिटी आर्गनाइजेशन के अनुसार, इस तरह के घरों में लगभग एक लाख लोग रह रहे हैं।
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