बता दें कि, वहां पर पीरियड या डिलिवरी के चलते लड़कियों को अपवित्र मान लिया जाता है। इसके बाद उन पर कई तरह की पाबंदिया लगा दी जाती हैं। खाने में सिर्फ नमकीन ब्रेड या चावल दिए जाते हैं। एक्शन वर्क नेपाल की चीफ राधा पौडेल के मुताबिक, वेस्टर्न नेपाल की 95 प्रतिशत लड़कियां-महिलाएं इस प्रथा को निभाती हैं। इतना ही नहीं, जिन फैमिली के पास गाय का बाड़ा नहीं होता, वह दूसरे के बाड़ों में एक रूम किराए पर लेते हैं। करीब 77 फीसदी लड़कियों-महिलाओं को पीरियड के दौरान अपमान और हिंसा भी सहन करनी पड़ती है।
वहीं आपको बता दें कि छौपदी को नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में गैरकानूनी करार दिया था। अगस्त में आने वाले ऋषि पंचमी फेस्टिवल में महिलाएं नहाकर पवित्र करती हैं और साथ ही, अपने पापों की माफी भी मांगती हैं।
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