नकली नोटों पर तैयार की गई एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक़ हर 10 लाख संचालित नोटों में 250 नकली नोट हैं। आमतौर पर इस समय 400 करोड़ रुपये के नकली नोट देश की अर्थव्यवस्था में बेखौफ चल रहे हैं। एनआईए के इस अध्यन में पता चला है कि 70 करोड़ रुपये के नकली नोट हर साल भारतीय अर्थव्यवस्था में संचालित हो रहे हैं।
बांग्लादेश बार्डर पर महज 18 हजार रुपये में एक लाख के नकली भारतीय नोट मिलते हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बांग्लादेश में बैठे एजेंट्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए नकली नोटों का यही रेट फिक्स कर रखा है।
सूत्रों के मुताबिक भारत-बांग्लादेश बार्डर के बाद बिहार में आते ही एक लाख के नकली नोट का रेट 40 हजार रुपये या उससे भी अधिक हो जाता है। दिल्ली और पंजाब की ओर पहुंचने पर एक लाख के नकली नोट की कीमत 50 से 70 रुपये तक हो जाती है।