लड़कों को बहुत खराब हालत में इस सप्ताह मोसुल के पास हसनशाम शरणार्थी शिविर में लाया गया। इस शिविर को यूनिसेफ की ओर से चलाया जाता है। यहां एक रिपोर्टर से महिला ने कहा कि मुझे विश्वास ही नहीं होता है कि मेरे बच्चे जिंदा हैं।
बच्चों को शहर से बाहर ले जाने के लिए उसने आईएस के आतंकियों से गुहार लगाई थी। मगर, उसे वहां से नहीं निकलने दिया गया। अंततः अपने पति और लड़कों के साथ वह मोसुल से उस वक्त भाग निकली, जब शहर में आईएस का नियंत्रण ढ़ीला पड़ गया।
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