इसके चलते जोहाना बीते एक साल से अपने बेडरूम में ही कैद होकर रह गईं हैं। उनके पति स्कॉट ने उनके लिए एक ‘सेफ जोन’ बनाया है। इस कमरे की खिड़कियां बंद रहती हैं, धूप नहीं आती और कमरे को प्लास्टिक से कवर किया गया है।

इस बीमारी का पता लगाने के लिए जोहाना को 30 डॉक्टरों से जांच करवानी पड़ी। दरअसल, किसी को असल बीमारी का पता नहीं लग पा रहा था। मास्ट सेल वाइट ब्लड सेल्स का ही एक प्रकार है, जो हमारे शरीर से केमिकल निकाल कर इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करता है। मगर, जोहाना के मास्ट सेल वैसे काम नहीं करते, जैसे उन्हें करना चाहिए। ये मास्ट सेल गलत समय पर गलत जगह केमिकल स्रावित करते हैं। पहली बार एमसीएएस का पता 9 साल पहले चला था।

 

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