इसके साथ ही वकील ने यह भी कहा कि Bilal की चोटों के लिए उसकी पूर्व पत्नी ही ज़िम्मेदार है और उसका इरादा उनको मारने का ही था। अदालत ने Saeed का पक्ष भी सुना, उसने पुलिस को बताया कि उसने अपने पूर्व पति पर हमला खुद को बचाने के लिए किया था, क्योंकि वो उसका रेप करना चाहह रहा था। अदालती जिरह के दौरान Saeed के वकील Patrick ने Bilal ने कबूल किया कि अपनी दो साल की इस्लामिक शादी के दौरान वो Saeed का शारीरिक और मानसिक शोषण किया करता था।
ज्यूरी ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद नुमान लगाया कि इस केस के बाद Bilal और Saeed दोनों को ही अवैध आप्रवासियों के रूप में निर्वासित होने का खतरा हो गया था। क्योंकि Bilal 2010 में स्टूडेंट वीज़ा पर UK आये थे। जो ग़ैरक़ानूनी हो गया था क्योंकि उनको कॉलेज से निकाल दिया गया था। वहीं Saeed जो कि एक इराकी कुर्द महिला थी, जिनको 2012 में UK में आश्रय दिया गया था। इसके अलावा कोर्ट को यह भी पता चला कि Bilal ने 2012 में ही करीब 4 महीने क़ैद में गुज़ारे थे, लेकिन उनको UK में रहने की अनुमति केवल इसलिये दी गई थी क्योंकि उनकी वहां एक बेटी थी