बेताल पचीसी, 25 कथाओं का संग्रह है। इसमें एक बेताल (भूत) है। जो राजा विक्रमादित्य की पीठ पर बैठ जाता है। बेताल हर दिन कहानी सुनाता है और अन्त में राजा से ऐसा प्रश्न कर देता है कि राजा को उसका उत्तर देना ही पड़ता है। कहते हैं इस पुस्तक की रचना 495 ई.पू. हुई थी।
और नाम दिया कथासरित्सागर। समय के साथ इन कथाओं की प्रसिद्धि अनेक देशों में पहुंची और इन कथाओं का बहुत सी भाषाओं में अनुवाद हुआ। इस प्रकार ये कहानियां न्याय, राजनीति और विषम परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास करती हैं।
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