इसके बाद उसे एक सामान्य महिला की श्रेणी से अलग कर दिया जाता है। उसे खाना-पीना भी नहीं दिया जाता है। ये लोग ऐसा मानते है कि ये महिलाएं डायन हो गई हैं। जिससे यहां पर हर साल हजारों महिलाओं को चुड़ैल बताकर जिंदा जला दिया जाता है।समाज की मुख्यधारा से कटने के बाद गांव-परिवार छोड़कर चुड़ैलों के गांव में रहने वाली ये महिलाएं अपनी पहचान खो चुकी होती हैं।
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