सेमराल गांव की कुल आबादी 400 है। दाह संस्कार के अलावा यहां एक और अजीब प्रथा आज तक चलन में है। जिसके अनुसार सावन महीने से नागपंचमी तक के लिए गांव में लोगों का आना-जाना बंद हो जाता है। बैलगाड़ियों के पहिए खोलकर रख दिए जाते हैं। सीमा पर एक बैलगाड़ी लगा दी जाती है और पांच दिन तक लगातार पूजा-पाठ होती है।

 

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