जब चिड़ियाघर ने इनकी डीएनए जांच की तो उसमें इनके अंदर आक्रामक जीन पाए। स्थानीय अधिकारी ने बताया कि जापान के कानूनों के तहत ऐसे बंदरों को रखना और परिवहन करना प्रतिबंधित है और कानून के तहत ही उन्हें मारने की अनुमति भी दी गई है।
चिड़ियाघर के संचालक ने एक बौद्घ मंदिर के पास बंदरों के लिए श्रद्घांजलि समारोह भी रखा। चिबा क्षेत्र के एक अधिकारी ने कहा कि पर्यावरण को बचाए रखने के लिए यह जरूरी कदम था। हालांकि जानवरों की सुरक्षा के लिए काम करने वाले कई कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध भी किया।
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