यह सब देख कर आहत ईश्वर पटेल ने फैसला किया कि वे अपना जीवन भारत की स्वच्छता की स्थिति को बेहतर बनाने में लगाएंगे। इसके अलावा देश से ‘छूआछूत’ को खत्म करेंगे। उन्होंने गंगा के किनारे, 2 लाख शौचालयों का निर्माण करवाया। इन शौचालयों का निर्माण गांधी आश्रम में ‘सफाई विद्यालय’ इनिशिएटिव के तहत कराया गया। इसके साथ ही 118 संगठनों को देशभर में स्वच्छता की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगाया गया।

ईश्वर पटेल के किफायती टॉयलेट डिजाइन को कई विकासशील देशों ने भी अपनाया है। उन्हें कई बड़े अवार्ड्स भी मिले हैं जिनमें पद्मश्री से लेकर महात्मा गांधी अवार्ड् शामिल हैं।

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