उनका पर्सनल बेस्ट 2005 में आया था जब उन्होंने दौड़ 1 घंटा 42 मिनट में पूरी की थी। चावला कहते हैं, ‘मुझे दौड़ते हुए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार मेरे घुटने और टखने चोटिल हो जाते हैं। खास तौर पर मोड़ पर सड़कों के गड्ढों के कारण मुझे कई बार चोट लग चुकी है। कई बार स्पीड ब्रेकर या किसी दूसरे धावक में टकरा जाने के कारण भी चोट लगती है लेकिन मैं इस्कॉर्ट को साफ कर देता हूं कि वह किसी भी सूरत में भागे नहीं। मेरा लक्ष्य हमेशा से वह दौड़ पूरी करना होता है जिसके लिए मैंने आवेदन किया है। तेज दौड़कर थकना और रेस बीच में छोड़ देने का कोई मतलब नहीं।’
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