चार पेज के चेकबुक जैसे इस आमंत्रण पत्र को देख कर पहले तो मेहमान हैरत में पड़ जाते। सबकुछ समझाने के बाद वह बहुत खुश होते। नकदी के संकट के इस समय में हमारे मेहमान चेक अथवा अन्य डिजीटल तरीकों से तोहफा देकर बहुत राहत भी महसूस कर रहे थे। अंसारी ने कहा कि हर किसी ने इस कदम की तारीफ की है। इससे यह भी महसूस हुआ कि कैशलेस अर्थव्यवस्था की बात उतनी भी मुश्किल नहीं जितना कई लोग समझ रहे हैं। सूरत में ही कुछ समय पहले हुई एक अन्य शादी जिसमें फिजूलखर्ची के खिलाफ संदेश देते हुए मेहमानों के केवल चाय पिलाई गई थी। इस शादी में मात्र पांच सौ रुपए का खर्च आया था। इस कैशलैस शादी की चर्चा खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ में की थी।
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