लोग टीना के प्रथम आने पर आरक्षण वाले मुद्दे पर नहीं बोल पाए शायद अब ऐसे लोगों को एक मौका मिल गया है। हमारी दिक्कत ये है कि हम दुसरे धर्म के लोगों को इंसान समझ ही नहीं पाते। हमारे लिए वो हमेशा ही एक अजूबे की तरह होते हैं। क्योंकि हम उनके साथ ज़्यादा घुलते-मिलते नहीं इसलिए हमें ऐसा लगता है कि सामने वाले के साथ ज़रूर कुछ अजीब है।

 

शायद टीना डाबी और अथर आमिर उल-शफ़ी खान की लव स्टोरी को देखकर प्रेमी जोड़ों को एक बात ज़रूर समझ में आती होगी कि अगर कठिन परिश्रम करके व्यक्ति एक बेहतर मुक़ाम हासिल कर ले, तो पूरी दुनिया अपने आप उनके हिसाब से चलने लगती है।

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