तन्वी ने भोसले अंकल के लिए अपना प्रयास जारी रखा और 5 दिन के भीतर उनके लिए नई साइकिल की व्यवस्था कर ही दी। एटीएम के पास ही मौजूद एक कैफे मालिक शॉन एडवर्ड और तन्वी ने फिफ्टी फिफ्टी अमांउट जोड़कर भोसले के लिए नई साइकिल खरीद कर उन्हें दे दी। भोसले गिफ्ट में मिली साइकिल लेने में काफी झिझक रहे थे लेकिन फिर तन्वी की रिक्वेस्ट पर उन्होंने आंसुओं से भरी आंखो और भरे गले से यह साइकिल एक्सेप्ट कर ली। एक चमत्कार की तरह भोसले की जिंदगी में आई पुणे की तन्वी ने उनके लिए जो किया, वो बयान नहीं कर पा रहे थे। बार-बार अपनी नई साइकिल को छूकर भोसले अपने विश्वास को मजूबत कर रहे थे कि वो साइकिल अब उनकी ही थी।
तन्वी के इस ऑनलाइन हेल्प इनीशिएटिव पर फेसबुक पर जबरदस्त रिस्पॉंस आया। तन्वी कहती हैं कि उन्हें लगा था कि सिर्फ उनके दोस्त या रिश्तेदार ही इस पर जवाब देंगे लेकिन भोसले की मदद के लिए तमाम अनजान लोगों ने कमेंट बॉक्स में अपने भर दिए। कुछ लोग तो उनकी साइकिल खरीदने के लिए रुपए भी कंट्रीब्यूट करना चाहते थे।
तन्वी ने भोसले और उनकी नई साइकिल की तस्वीर फेसबुक पर डालते हुए लिखा कि अगर हम रोज ही कम से कम एक अच्छा काम करें तो वाकई हम दुनिया बदल सकते हैं।