मैंने उसे कहा कि मैंने यही सब सीमा पर बीस वर्षों तक किया है। यहां मैं मेरे खाते में से पेंशन निकालने आया हूं।सेना के जवान व अधिकारी देश के दुर्गम क्षेत्रों में अत्यंत कष्टदायक चुनौतियों का सामना करते हुए बेहतरीन काम करके दिखाते हैं। लिहाजा, हमारी रोज़मर्रा की कतार को उनकी बारहमासी प्रतिबद्धता के साथ तुलना करके देखना उचित नहीं है। उसे अपनी देशभक्ति यदि दिखाना है तो एटीएम की लाइन में लगकर देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांटने की बजाय मोदी जी से वन रैंक वन पेंशन और सेंट्रल पे कमीशन दिलवाकर दिखाए।
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