पारा कमांडो के लिए जो लोग लिए जाते हैं। वो पहले से ही डिफेंस के किसी एक विंग में काम कर रहा हो। वहीं से उन्हें कमांडो सर्विस के लिए टेस्ट के बाद चुना जाता है। ट्रेनिंग ऐसी की दिल दहल जाए। प्राइमरी ट्रेनिंग में ही कई लोग हाथ खड़े कर देते हैं। दरअसल इसमें कुछ गलत नहीं है। ये हर किसी के बस की बात नहीं होती। बेस्ट में भी जो बेस्ट बचते हैं। वो आगे की ट्रेनिंग के लिए ले लिए जाते हैं। और ओर यहां से शुरू होता है दुनिया के सबसे ख़तरनाक फ़ोर्स के बनने का सिलसिला।
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