जनसंख्या नीति के मुख्य बिंदुओं पर उन्होंने कहा ‘अगर कोई व्यक्ति असम सरकार की नौकरी चाहता है, तो उस व्यक्ति के पास दो से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए। जब यह नीति लागू हो जाएगी, तब जो लोग सरकारी नौकरी में हैं, वे तीसरे बच्चे के बारे में सोच भी नहीं सकते। मगर नौकरी पर रहने वाले कर्मचारी के दो से अधिक बच्चे होंगे, तो उसकी नौकरी चली जाएगी। हालांकि, जिन कर्मचारियों के पहले से दो से अधिक बच्चे हैं, उन्हें नौकरी के मामले में रियायत दी जाएगी।
बताया ये भी जा रहा है कि राज्य सरकार की जनसंख्या नियंत्रण नीति को माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। बहरहाल, इस योजना के पीछे की मुख्य वजह बांग्लादेश से आने वाले अवैध प्रवासी नहीं हैं, बल्कि असम के मुस्लिम बहुल जिलों में बढ़ती गरीबी है। साल 2011 की जनगणना के बाद राज्य के 9 मुस्लिम बहुल जिलों में जनसंख्या की स्थिति काफ़ी भयावह हो गई है।