उन्होंने आगे लिखा- दूसरे दिन बैंक की लाइन में खड़े रहने के दौरान मेरा शुगर लेवल कम हो गया और मैं लगभग गिर गया। कुछ अच्छे लोगों ने मेरी मदद की और मुझे अस्पताल पहुंचाया। मेरे ऊपर को-ऑपरेटिव बैंक का लोन है, इसके लिए मेरे पास कोई खाता नहीं है। को-ऑपरेटिव में सारे ट्रांजेक्शन बंद होने के बाद मुझे महसूस हुआ कि मैं अपने पैसे कहीं भी नहीं जमा कर पाऊंगा। पाई-पाई जोड़कर बचाए अपने पैसे के लिए मैं कितने दिन तक लाइन में खड़ा रहता। मैंने अस्पताल से घर आने के बाद चूल्हा जलाया और सारे पैसे जला दिए। इसके बाद मैं नाई की दुकान गया और मैने अपना आधा सिर मुंडवा दिया। मैं तब तक अपने बाल वापस नहीं रखूंगा जब तक मेरी मेहनत और बचत को राख में मिलाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर नहीं कर दिया जाता है और इस देश को बचा नहीं लिया जाता।