कोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट किसी धर्म विशेष के लिये कोई गाइड लाइन नहीं बना सकता है, सिख समुदाय का बहुत सम्मान है लेकिन इस तरह की याचिका दायर होने से सिख समुदाय की गरिमा को हल्का करना होगा, सिख समुदाय पर चुटकुले कोई रैगिंग नहीं है। आपको बता दें कि इस मामले पर 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट अंतिम आदेश पारित करेगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि इंटरनेट पर हजारों ऐसी वेबसाइट हैं जो सिखों के नाम पर चुटकुले बेचती है और इसमें उनको बुद्धू, पागल, मूर्ख, बेवकूफ़, अनाड़ी, अंग्रेज़ी भाषा की अधूरी जानकारी रखने वाला बताया गया है।
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