चीनी की तुलना में देशी लाइट
-चाइनीज लाइट की गारंटी नहीं होती। देशी लाइट तीन-चार सीजन तक चल जाती है।
-चीनी लाइट में एक बल्ब खराब हो तो पूरी लाइट खराब हो जाती है। देशी लाइट में खराब बल्ब बदला जा सकता है।
– चाइनीज लाइट की वायरिंग कमजोर होती है। इसके टूटने, फाल्ट का खतरा ज्यादा। देशी लाइट की वायरिंग बेहतर।
-24 बल्बों की चाइनीज लाइट में बिजली खपत देशी के मुकाबले तीन गुना तक ज्यादा है।
-24 बल्बों की चीनी लाइट 40 रुपए की है तो देशी लाइट लगभग 70 रुपए की है। लेकिन टिकाऊ चार गुना है।
प्रदेश में बढ़ी डिमांड
शहर की दुकानों में देशी लाइट डिमांड में आ गई है। लोग चाइना का माल सस्ता लेने की बजाए देशी लाइट खरीदना पसंद कर रहे हैं क्योंकि यह रखरखाव में भी ये चाइनीज लाइट से बेहतर है। चलती ज्यादा हैं। थोक विक्रेता प्रशांत केशरवानी ने बताया कि पिछले दो साल से चाइना लाइट का बाजार मंदा हो गया है। जल्द खराब होने के कारण लोग पसंद नहीं कर रहे हैं। हर साल कोई सजावट में पैसा नहीं खर्च करना चाहता। देशी लाइट टिकाऊ होने के कारण डिमांड संभाग के कई जिलों के अलावा इंदौर तक भेजी जा रही है।
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