नवाब मोहम्मद याहिया मिर्ज़ा असफ-उद दौला को 1738 में ब्रिटिश शासन के तहत अवध का नवाब घोषित किया गया। एक बार इनके राज्य में जब अकाल की स्तिथि पैदा हुई तो लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से इन्होंने पर्यटक स्थल ‘बड़ा इमामबाड़ा’ का निर्माण शुरू करा दिया ताकि लोग भूखे न मरे। इन्होंने 20,000 लोगों को इसके काम में लगाया और उनको विश्वास दिलाया कि जब तक अकाल की स्तिथि खत्म नहीं होगी इसका निर्माण कार्य चलता रहेगा।