अक्टूबर में कॉलेजों में स्मार्ट कार्ड बनाने का काम शुरू कर दिया था। यह डिजिटल आइकार्ड छात्राओं को तीन दिन पहले मिला है, जो कि नोटबंदी के बाद उनकी जरूरतों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। प्रिंसिपल डॉ. प्रत्यूष वत्सला का कहना है कि कॉलेज प्रशासन छात्राओं की बेहतरी और सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
यदि यह कार्ड खो जाए तो उसे बैंक में जाकर बंद भी कराया जा सकता है। अभी यह कार्ड कैंपस के अंदर ही कारगर है, लेकिन इसमें कुछ सुविधाएं जोड़कर बाहर भी प्रयोग किया जा सकता है।
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