उन्होंने कहा कि जब अम्मा का इलाज अपोलो में चल रहा था, तो पार्टी नेताओं ने मुझे मुख्यमंत्री बनने को कहा। हालांकि, उस समय वह तैयार नहीं हुए, लेकिन पार्टी को शर्म और संकट से बचाने के लिए मुख्यमंत्री बनना पड़ा। उनके शपथ लेने के 2-3 दिन के बाद ही स्वास्थ्य मंत्री विजयभास्कर उनके पास आये और कहा कि दिवाकरन (शशिकला के भतीजे) चाहते हैं कि शशिकला महासचिव बनें। वह महासचिव बन गयीं। इसके बाद मुझे कहा गया कि चिन्नमा (शशिकला) को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी करनी है। मैंने कहा कि यह ठीक स्थिति नहीं है, तो मुझे धमकाया गया कि अगर वह इसमें मदद नहीं करेंगे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
इधर, अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता पीएच पांडियन ने जयललिता की मृत्यु पर संदेह जताया। उन्होंने कहा कि 22 सितंबर की रात में घर के लोगों के बीच बहस हुई। शशिकला के परिवार ने उन्हें नीचे धक्का दे दिया गया। वह नीचे गिर गयीं और बेहोश हो गयीं।
गौरतलब है कि एआईएडीएमके महासचिव बनने के बाद जयललिता की करीबी रहीं शशिकला के लिए पनीरसेल्वम ने इस्तीफा देकर तमिलनाडु के सीएम की कुर्सी तो छोड़ दी लेकिन ये पिक्चर अभी बाकी है जैसे हालात नजर आ रहे हैं। एक तरफ तो शशिकला के सीएम बनने के बीच कई अड़चन आ रही हैं, वहीं पार्टी के अंदर भी उनके विरोध के सुर ऊंचे हो रहे हैं।
वीडियो में देखिए जयललिता की समाधि पर ध्यान में बैठे पन्नीरसेल्वम