जब अस्पताल प्रशासन से इस बारे में पूछा गया तो अस्पताल ने इस आरोप को सिरे से ख़ारिज कर दिया है। अस्पताल का कहना है कि बच्ची पहले ही मर चुकि थी। 1000 रुपए के नोट ना लेने की बाट को भी अस्पताल ने बेबुनियादी बताया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अस्पताल में 500 और 1000 के नोट अभी भी मान्य रखे हैं लेकिन कई जगहों से ऐसी ख़बरें आई हैं कि निजी अस्पताल इन्हें लेने में आनकानी कर रहे हैं।

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