इस दौरान मैं मुंबई में बहुत से नए लोगों से मिला हूं और स्टूडियो से मैंने फ़ोटोग्राफी भी सीखी है। आज से 40 साल पहले भले ही रिक्शा चलाना एक छोटा पेशा रहा हो, लेकिन मेरे लिए दुनिया का सबसे अच्छा काम कल भी था और आज भी है। मैंने अपने सपनों और जुनून को कई तरह से साकार किया है। मैं अपनी सवारियों की फोटो खींचता, मैं उनके बारे में लिखता और पेंट करता था। मैं अपने फ़ोटोग्राफी के लिए लंदन, अफ्रीका और दुबई सहित सारी दुनिया की यात्रा की है।