ऐसे में फर्जी विकलांग प्रमाणपत्र की बात सामने आने पर गांव के ही एक व्यक्ति ने ग्राम पंचायत से सूचना के अधिकार के तहत ग्राम पंचायत से विकलांगों की पूरी जानकारी के साथ सरकारी नौकरी में लगे विकलांगों की भी लिस्ट मांगी है।

ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के कुछ लोगों ने बहरेपन का फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र बनवा लिया है और इस प्रमाणपत्र के आधार पर वो सरकारी नौकरी कर रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो ये सब नौकरी के वास्तविक हकदारों के साथ खिलवाड़ है।

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