सैयद ने देखा कि अधिकांश ग्राहक कॉलेज स्टूडेंट्स हैं जो कि ग्रामीण इलाकों से आते हैं। वे कहते हैं ‘ मेरे इंटरेक्टशन के दौरान, मैंने पाया कि इन छात्रों को 100 रुपए प्रति महीने की पॉकेट मनी मिलती है और वे डाटा पैक का खर्चा नहीं उठा सकते। इसलिए उन्होने खुद से पूछा कि क्यों न ऐसी तकनीकी लाई जाए जो इन छात्रों की मदद करे लेकिन मेरा रिवेन्यू भी बढ़े। सैयद के मुताबिक वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा होने के बावजूद वह छात्रों की मदद करके और बिजनेस को सही दिशा मिलते देख खुश है।
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