उन्होने कहा कि वे आंदोलन का फैशन चलाकर सत्ता हासिल करने की जुगत करने वाली जमात नहीं हैं। वे आपस में सीधा संवाद करने, दर्द को साझा करने, समस्याओं का हल तलाशने और विवाद खत्म करने के लिए जूझने वाली जमात हैं। अब देखना यह है कि आने वाले यूपी चुनावों में राजपाल यादव की यह पार्टी कितनी बेहतर साबित होती है।
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