विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, बुगती को जल्द ही राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा प्रदान कर दिया जाएगा। भगवा परिवार ने इसके पक्ष में देश में माहौल बनाना शुरू कर दिया है। इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन ने बुगती को राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा देने के पक्ष में प्रस्ताव पारित करते हुए सरकार से इसकी मांग की है।
अब तक स्विट्जरलैंड में निर्वासित जीवन जी रहे बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती बलूच रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष हैं। पूरी दुनिया में बलूचिस्तान की आजादी पर समर्थन जुटाने के लिए बुगती ने भारत में राजनीतिक शरण मांगी है। गृह मंत्रालय ने इस मामले को तेजी से आगे बढ़ाया है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला केंद्रीय कैबिनेट को लेना है।
बुगती को शरणार्थी का दर्जा देने का फैसला कूटनीतिक रूप से पाक के खिलाफ बढ़ा कदम होगा। इससे पहले 1959 में भारत तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और उनके अनुयाइयों को शरण दे चुका है। यदि भारत ने बुगती को राजनीतिक शरण दे दी तो वह दलाई लामा की तरह पूरी दुनिया में घूम सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाक को पटखनी देने के लिए बुगती के जरिए भारत की तैयारी बलूचिस्तान की सच्चाई को देश-दुनिया के सामने लाने की है।