ये है भूतों का किला सुनाई देती है टूटती चूड़ियों की आवाजें

ये है भूतों का किला सुनाई देती है

भानगढ़ के पुराने कस्बे की स्थापना 16वीं शताब्दी में तत्कालीन आमेर के शासक राजा भगवान दास ने की, जिसे बाद में मानसिंह के भाई माधोसिंह की रियासत की राजधानी बना दिया गया। माधोसिंह मुगल सम्राट अकबर के दरबार में दीवान थे। कहा जाता है कि पड़ौसी राज्य अजबगढ़ से लड़ाई में सारे भानगढ़ वासी मारे गए और तभी से भानगढ़ वीरान है।

कहते हैं उस लड़ाई में मारे गए लोगों के भूत आज भी रात को भानगढ़ के किले में भटकते हैं। आपको बता दें कि, अलवर का भानगढ़ किला जिसे भूतों का भानगढ भी कहते हैं।

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