कौन हैं डोभाल
जासूसी के दुनिया के रियल जेम्स बॉन्ड कहे जाते है डोभाल । जासूसी की दुनिया में 37 साल का तजुर्बा रखने वाले डोभाल 31 मई, 2014 को देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने। NSA अजीत डोवाल भारत के इकलौते ऐसे पुलिस अधिकारी हैं, जिन्हें कीर्ति चक्र और शांतिकाल में मिलने वाले गैलेंट्री अवार्ड से नवाजा जा चुका है।
1980 के बाद से वह कई सिक्युरिटी कैंपेन का हिस्सा रहे। अपनी हिम्मत और जज्बे के बूते डोभाल ने जासूसी की रियल जेम्स बॉन्ड माने जाते हैं।
1968 के केरल बैच के आईपीएस अफसर अजीत डोभाल 6 साल पाकिस्तान में अंडरकवर एजेंट रहे हैं।
वे पाकिस्तान में बोली जाने वाली उर्दू समेत कई देशों की भाषाएं जानते हैं।
एनएसए बनने के बाद वे सभी खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों से दिन में 10 से ज्यादा बार बात करते हैं। 20 जनवरी, 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे अजीत डोभाल ने अजमेर मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की।
केरल के 1968 बैच IPS अफसर डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद 1972 में ही इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) से जुड़ गए। पूरे करियर में डोभाल ने महज 7 साल ही पुलिस की वर्दी पहनी। उनका ज्यादातर समय खुफिया विभाग में बतौर जासूस गुजरा है।
2005 में IB डायरेक्टर पोस्ट से रिटायर हुए।